बिलासपुर एयरपोर्ट छत्तीसगढ का सबसे पुराना एयरपोर्ट है बिलासपुर एयरपोर्ट का निर्माण 1942 मे Royal Airforce (British army) ने कराया था बिलासपुर एयरपोर्ट उसके बाद Indian Army को सौप दिया
गया मध्यप्रदेश से अलग होने के समय यह राज्य सरकार को मिला
2010 मे छत्तीसगढ सरकार ने बिलासपुर एयरपोर्ट की 387 एकड जमीन Airport Authority of India को हस्तांतरित कर दी थी लेकिन 2011 मे छत्तीसगढ सरकार ने AAI को दी गई जमीन निरस्त कर दी और जमीन आर्मी के उपयोग के लिए दी। जबकि आर्मी ने कहाँ की आर्मी को जमीन के Ownership से कोई मतलब नहीं है वह सिर्फ एयरपोर्ट उपयोग करने की इच्छुक है
2012 मे 2700 मीटर रनवे और बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार का प्लान बना पर अब तक पैसो की कमी के कारण बिलासपुर एयरपोर्ट का विस्तार नही हो सका
यह बिलासपुर के जनप्रतिनिधियों की नाकामी है
2017 मे कमल दुबे जी ने माननीय आशीष श्रीवास्तव जी के माध्यम से बिलासपुर हाईकोर्ट मे जनहित याचिका दायर की गई जिसमे full fledged 4C एयरपोर्ट की माँग की गई थी जिसमे हाईकोर्ट ने राज्य और केन्द्र सरकार से नोटिस देकर जानकारी माँगी
2017 मे एक मीटिंग की जिसमें आर्मी ने कहाँ वह जमीन पर मालिकाना हक की पक्षधर नही है वह सिर्फ एयरपोर्ट उपयोग करने चाहती है इस मीटिंग मे यह तय हुआ की छत्तीसगढ सरकार जमीन को AAI के नाम पर करेगी और आर्मी, AIRPORT Authority of India MOU करके एक भव्य एयरपोर्ट बनाऐगे जब तक बिलासपुर एयरपोर्ट को उडान योजना के तहत विकसित किया जाए जिसमें केंद्र सरकार जितना भी खर्च होगा उससे राज्य को वापस reambershmeant कर देगी।
पर आज जुलाई 2021 तक राज्य सरकार ने जमीन AAI को नही सौपी है।
जाहिर है कि छत्तीसगढ़ सरकार बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास को लेकर गंभीर नही है बिलासपुर की आवश्यकता को देखते हुए 4C एयरपोर्ट का निर्माण के लिए सरकार को तुरंत निर्णय लेने की आवश्यकता है राज्य सरकार को तुरंत बिलासपुर एयरपोर्ट को AAI को दे देना चाहिए।
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